मुंबई, 19 जनवरी, (न्यूज़ हेल्पलाइन) मुलेठी, जिसे आमतौर पर मुलेठी के नाम से जाना जाता है, को भारत में एक औषधीय जड़ी बूटी माना जाता है। आयुर्वेद में इसके गुणों के बारे में विस्तार से बताया गया है। मुलेठी को इम्युनिटी बूस्टर माना जाता है जो न सिर्फ शरीर को एलर्जी और इंफेक्शन से बचाता है बल्कि गले को साफ और फेफड़ों को भी स्वस्थ रखता है। जड़ी बूटी का उपयोग भारत और अन्य देशों में हजारों वर्षों से किया जाता रहा है।
मुलेठी के उपयोग
मुलेठी का इस्तेमाल कई तरह से किया जाता है। जड़ी-बूटी का उपयोग मादक पेय बनाने के लिए भी किया जाता है। भारत में इसे एक आयुर्वेदिक औषधि माना जाता है, जो घरेलू स्तर पर भी हर घर में प्रयोग की जाती है। चीन और कुछ पश्चिमी देशों में इसका स्वाद कैंडी, मिठाई, च्युइंग गम और यहां तक कि आइसक्रीम और कोल्ड ड्रिंक में भी मिलाया जाता है। मुलेठी की जड़ों को तंबाकू के साथ भी मिलाया जाता है।
प्राचीन आयुर्वेद ग्रंथों में वर्णन
हजारों सालों से मुलेठी का विभिन्न तरीकों से उपयोग किया जाता रहा है। इसका वर्णन मिस्र, चीन और भारत के इतिहास समेत कई प्राचीन ग्रंथों में मिलता है। 7वीं-8वीं ईसा पूर्व में लिखे गए भारतीय आयुर्वेदिक ग्रंथ चरकसंहिता से लेकर 15वीं-16वीं शताब्दी में लिखे गए आयुर्वेदिक ग्रंथ भवप्रकाश तक, मुलेठी के लाभ और हानिकारक प्रभावों का विस्तार से वर्णन किया गया है।
मुलेठी के स्वास्थ्य लाभ
यह आंखों की समस्याओं के लिए फायदेमंद होता है। मुलेठी का सेवन शुक्राणु और वीर्य की गुणवत्ता में सुधार करने में भी मदद करता है। जाने-माने आयुर्वेदिक विशेषज्ञ आचार्य बालकिशन कहते हैं, ''चिकित्सा की दृष्टि से मुलेठी कई बीमारियों में फायदेमंद है। यह वात और पित्त दोष को कम करता है। यह त्वचा और बालों के लिए फायदेमंद होता है। यह आमतौर पर सर्दी और खांसी की एलर्जी में राहत पाने के लिए प्रयोग किया जाता है, और इसका उपयोग मुख्य रूप से आयुर्वेदिक दवाएं बनाने में किया जाता है।"
रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाता है:
वैद्यराज दीनानाथ उपाध्याय (मुंबई विश्वविद्यालय के पूर्व डीन) कहते हैं, “मुलेठी का उपयोग आयुर्वेद में लंबे समय से किया जाता रहा है। कारण यह है कि इसमें कई ऐसे गुण पाए जाते हैं जो शरीर को स्वस्थ रखते हैं। यह इम्युनिटी बूस्टर के रूप में काम करता है, जो न केवल शरीर को संक्रमण और एलर्जी से बचाता है बल्कि गले को साफ और फेफड़ों को भी स्वस्थ रखता है। इसके सेवन से श्वास नली साफ रहती है। सुनिश्चित करें कि आप मुलेठी का अधिक मात्रा में सेवन न करें, क्योंकि इससे न केवल सिरदर्द होता है बल्कि गला भी घुट सकता है।"
मुलेठी में रेचक गुण भी पाए जाते हैं, इसलिए इसे गैस्ट्रिक या पेट से संबंधित बीमारियों के लिए भी फायदेमंद माना जाता है। यह अपच, अम्लता, कब्ज और नाराज़गी को रोकता है। मुलेठी में एंटी-इंफ्लेमेटरी गुण भी पाए जाते हैं, जिसके कारण यह गठिया की स्थिति के लिए भी फायदेमंद है।